People understands by their level of perception.

श्री महाराज जी :- एक पेड़ के ऊपर एक चिड़िया बैठी थी और वो बोल रही थी । उसी पेड़ के नीचे तीन लोग आराम कर रहे थे । उस तीनों में एक मसाले का व्यापारी था , दुसरा पहलवान था , तीसरा पंडित था (पुजारी) । तीनों आपस में बातें कर रहे थे । तो जो पंडित था वो बोला कि यह चिड़िया तो भगवान का नाम ले रहा है कह रहा है :-" राम सीता दसरथ " यानि भगवान राम सीता और उनके पिता का नाम लो उद्धार हो जाएगा ।

तो दुसरा जो पहलवान था वो बोला " अरे पंडित जी आप गलत समझ रहें हैं यह चिड़िया तो कह रही है :- डण्ड, बैठक, कसरत , यानि कसरत करो शरीर ठीक रहेगा,  ।

तो व्यापारी से भी नहीं रहा गया वो बोला आप दोनों गलत समझ रहें हैं वो चिड़िया हमें कह रही है कि :- धनिया मिर्च अदरख , यानि इस तीनों का भाव बढ़ने बाला है यह तीनो आइटम  खड़िद कर भंडार कर लो , फायदा होगा । 
तो मेरे प्रवचन का अर्थ भी इसी प्रकार लोग अपने अपने अनुसार समझ लेते हैं , मेरे कहने का असली मतलव  कम लोग समझ पाते हैं । :- श्रीकृपालु जी  महाराज जी।।

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