यह काल बड़ा बलवान है।
यह काल बड़ा बलवान है।
इसमें भगवान भी दखल नहीं देते, संत भी दखल नहीं देते।
ग्यारह हजार वर्ष राम रहे। ग्यारह हजार वर्ष पूरा होते ही यमराज पहुँच गया भगवान राम के पास । जबर्दस्ती नहीं कर सकता, लेकिन पहुँच गया, कि महाराज, आपका समय हो गया, याद दिलाने आया हूँ।
सिद्ध महापुरुष के आगे यमराज जाता है, तो बैठ जाता है सामने, और महापुरुष उसके सिर पर पैर रखता है। फिर उसके बाद पुष्पक विमान पर बैठता है। लेकिन यमराज जायगा, उसकी डयूटी है।
हम तो मायाधीन है, पापात्मा है, उसको घसीटते हुए ले जायेंगे, दंड देने के लिए।
अरे! सहा नहीं जाएगा इतना दुःख होगा, चीख- चीख कर रोवोगे कोई सुनने वाला नहीं होगा उस समय कृपालु भी कुछ नहीं कर सकते, भगवान भी कुछ नहीं कर सकते।
आप लोग समझते है मरने के बाद देखा जायेगा।
क्या देखोगे, फिर तो भोगोगे।
एक विद्यार्थी परीक्षा के समय तीन घंटे में कुछ लिखता नहीं। या गलत फलत लिखता है तो देखा क्या जायेगा, उसका जब नंबर आयेगा, तो जीरो बटे सौ, तब मालूम हो।
इसमें भगवान भी दखल नहीं देते, संत भी दखल नहीं देते।
ग्यारह हजार वर्ष राम रहे। ग्यारह हजार वर्ष पूरा होते ही यमराज पहुँच गया भगवान राम के पास । जबर्दस्ती नहीं कर सकता, लेकिन पहुँच गया, कि महाराज, आपका समय हो गया, याद दिलाने आया हूँ।
सिद्ध महापुरुष के आगे यमराज जाता है, तो बैठ जाता है सामने, और महापुरुष उसके सिर पर पैर रखता है। फिर उसके बाद पुष्पक विमान पर बैठता है। लेकिन यमराज जायगा, उसकी डयूटी है।
हम तो मायाधीन है, पापात्मा है, उसको घसीटते हुए ले जायेंगे, दंड देने के लिए।
अरे! सहा नहीं जाएगा इतना दुःख होगा, चीख- चीख कर रोवोगे कोई सुनने वाला नहीं होगा उस समय कृपालु भी कुछ नहीं कर सकते, भगवान भी कुछ नहीं कर सकते।
आप लोग समझते है मरने के बाद देखा जायेगा।
क्या देखोगे, फिर तो भोगोगे।
एक विद्यार्थी परीक्षा के समय तीन घंटे में कुछ लिखता नहीं। या गलत फलत लिखता है तो देखा क्या जायेगा, उसका जब नंबर आयेगा, तो जीरो बटे सौ, तब मालूम हो।
आत्मा का कमाने का मामला सोचो।
तुम आत्मा हो, शरीर नहीं हो। शरीर को तो छोड़ना पड़ेगा , जबरदस्ती छुड़वाया जाएगा शरीर।
तुम आत्मा हो, शरीर नहीं हो। शरीर को तो छोड़ना पड़ेगा , जबरदस्ती छुड़वाया जाएगा शरीर।
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