दान का महत्व।
प्रश्न :- महाराज जी कुछ लोग तो कोई दान नहीं करते हैं फिर भी लाखपति और करोड़पति हैं । उनको दान में कोई रूचि नहीं है ।
श्री महाराज जी :- हां आज बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको दान में रूचि नहीं है , फिर भी धन है उनके पास ! लेकिन पिछले मानव जन्म में जरूर दान किया रहा होगा वो , चाहे मन से करें या बेमनी से, लेकिन किया रहा होगा उसने भगवान के निमित्त या किसी वास्तविक महापुरुष के निमित्त । किसी ने करवा दिया होगा आग्रह करके कुछ धन जैसे सोना चांदी, रूप्या, पैसा आदि , और बेमनी से कर दिया होगा वो , उसी का मिल रहा है उसको इस जन्म में ।
देखिये आप लोग मनगढ़ आए हैं साधना भवन में बैठें हैं । आपमें से कुछ लोग अन्य दोस्त या रिस्तेदार को पहली बार लाय हैं । इनमें से कुछ लोग जिज्ञासा बस आए हैं पहली बार और कुछ लोग तो हं हं ( हंसते हुए ) मेरी परीक्षा लेने आए हैं कि चलो देखते हैं कृपालु महाराज कौन है ?
अब यहां तो दान के लिए आग्रह किया जाता है आप सबसे आपहीं के कल्याण के लिए ।
तो कुछ लोग बेमनी से , आपहीं लोगों की देखा देखी लोक लाज से आकर दान के झोली में कुछ डाल देते हैं ।
और कुछ लोग आपहीं लोग में से कुछ के प्रेरित करने से बेमनी से दान कर देते हैं , इनमे से कुछ लोग श्रद्धा के कारण बार बार आते हैं और कुछ लोग दुबारा नहीं आते ।
अब भगवान तो समदर्शी हैं , राक्षस का भी अच्छे कर्म का बढ़िया फल देते हैं । दान मन से करो या बेमनी से , भगवान तो हजार गुणा बड़ा करके सबको लौटा देते हैं ।
इसलिए ऐसे लोग जिनको भगवान और महापुरुषों में श्रद्धा नहीं उनका भी लोक परलोक बन जाता है और अगले जन्म में मिलता है उनको, धनी हो जाते हैं ।
इसी प्रकार कुछ जीव जो इस जन्म में अंगुठा छाप है और करोड़ पति है , वो भी अपने पिछले जन्म में आपहीं जैसे साधकों के कहने पर बेमनी से हीं सही दान कर दिया होगा कुछ देखा देखी , या लोक लाज से या किसी के आग्रह पर ।
इसलिए इस जन्म में उसके पास धन है लेकिन श्रद्धा हीन होने के कारण इस जन्म में उसको दान में रूचि नहीं है , अगले जन्म में वो दरिद्र बनेगा या ऐसे हीं कुछ लोग तो इसी जन्म में लाख पति से खाक पति हो जाते हैं । दिवालिया डिक्लेयर हो जाते हैं इसी जन्म में ।
तो दान बहुत महत्वपूर्ण है , दान अवश्य करना चाहिए, चाहे मन से या बेमनी से करो लेकिन सबको करना चाहिए।
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