प्रश्न :- मां एकांत साधना के लिए समय नहीं मिलता क्या करूं ?

प्रश्न :- मां एकांत साधना के लिए समय नहीं मिलता क्या करूं ? 
पुज्यनियां रासेश्वरी देवी जी :- आपको टाईम मिलता नहीं या टाईम निकालना नहीं चाहते ? टाईम तो पुरा है आपके पास, पर दुसरे में दोष देखने , गिनने , सुनने और सुनाने के लिए , टी भी देखने और नहीं तो सोने के लिए ।  
संसार में भी जिसका जिससे प्रेम होता है वो उसके साथ कुछ समय बिताना पसंद करता है, चाहे वो संसारी मां-वाप हो या दोस्त हो ऐसे हीं अगर हरिगुरू से प्रेम वास्तव में होगा तो जीव कुछ समय एकांत का निकाल कर उनके साथ अवश्य बिताना चाहेगा । एकांत में उनका रूपध्यान करते हुए उनके हीं लिखे पदों से उनको पुकारना हीं तो साधना है , उनके साथ बात चित करना है । 

दरअसल आपका उनसे प्रेम नहीं है , केवल मुख का प्रेम है , मुख का श्रद्धा और विश्वास है । वास्तव में न उनसे प्रेम है और न उन पर विश्वास भीतर से , इसलिए बहुत से excuses है आपके पास , ऐसा नहीं है आपके पास साधना के लिए समय नहीं है ।
समय तो आपके पास अपने बेटा बेटी , पति पत्नी के लिए है , शारीरिक मां बाप के लिय है , इन रिस्तेदारो से आपका प्रेम है , भगवान से और गुरू से प्रेम नहीं है इसलिए उनके लिए आपके पास समय नहीं है ।‌
ये चिकनी‌ चुपड़ी बातें कि श्री महाराज जी , भगवान से आपको प्रेम है , आप हरिगुरू को हमेशा साथ मानते हैं ! मानते हैं तो यह भी बता दो कि दिन भर में कितना झूठ बोलते हैं आप , कितना चारसौ बीसी सोंचते है आप ?? अरे सब एक धोखा है, मुख का प्रेम है , किसको धोखा दे रहे हैं आप ? 

जो आपके लिए महत्व रखता है, आपके पास उसके लिए टाईम है , पैसा है , साधन है जो आपके लिए महत्व नहीं रखता उसके लिए आपको समय नहीं है सीधा सा हिसाब है । यह सब मुख का प्रेम का दिखावा मत करो कि मुझे आपसे बहुत प्रेम है ! 
अगर वास्तव में प्रेम होता तो ऐसा नहीं बोलते कि टाईम नहीं है । 

अभी फोन आ जाए बेटा विमार है होस्टल में , तुरंत फ्लाईट का टिकट लेकर भागते हैं लोग EL ( emergency leave ) लेकर , क्योंकि वहां प्रेम है और गुरू ने बुलाया साधना के लिए " या घर में भी साधना के लिए टाईम नहीं है छुट्टी नहीं है क्या बढ़िया बहाना है और फिर कहते हैं कृपा नहीं होती , अरे कैसे कृपा होगी ? 

आपके पास टाइम नहीं तो क्या भगवान और गुरू फालतु है जो आपके लिए उनके पास टाइम होगा ?
जितना प्यार आपका भगवान और गुरू से होगा उतना उनके लिए आपके पास टाइम होगा । और उतना हीं भगवान और गुरू के पास भी आपके लिए टाईम होगा । सीधा सा गणित है । 
:- पुज्यनियां रासेश्वरी देवी जी ।।

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