पाखंड तथा अंधविश्वास क्या है ?
श्री महाराज जी :- तुम जो ये सोंचते हो हम तो बड़े काविल हैं, हमको तो कोई बेवकूफ नहीं बना सकता कभी , यही बेवकूफी और यही बुद्धि तो तुमको ले डूबा अनंत जन्म । अनंत जन्मों से तुम दर दर की ठोकरें खा रहे हो और चमत्कार के चक्कर में यहां वहां भागते फिर रहे हो , ये बाबा जी , वो देवी जी हमारा दुख दुर कर देगा ! हैं , अरे कोई बाबा , कोई देवी जी आपका भला नहीं कर सकता , हमारे भारत देश में पाखंडी बाबाओं का भरमार है , कोई चमत्कार दिखाने वाला, आशिर्वाद का नाटक करने वाला तुम्हारा कल्याण नहीं कर सकता कभी , ये नोट कर लो , ये लिख लो, लिख लो ये ।
आपका कल्याण सिर्फ आपके हाथ में है, वास्तविक संत के पास जाओ, उनकी शरणागति करो , उनसे संसार न मांगो , उनसे तत्वज्ञान हासिल करो तथा उनके बतलाए मार्ग का अनुसरण करके अपना लक्ष्य हासिल कर लो, तब कल्याण होगा , सुख मिलेगा, माया जाएगी , दुख निवृत्ति सदा के लिए हो जाएगी , परमानंद कि प्राप्ति हो जाएगी ।
ये जो पाखंडी बाबा जी के चक्कर में भागते फिरते है न , वो अपना रहा सहा सब कुछ गवां लेते हैं एक दिन , इसलिए चमत्कार को दूर से नमस्कार करो , कम से कम जो है उसको गवाओगे तो नहीं । संसार में शास्त्रों के नाम पर , धर्म के नाम पर भटकाने बाले अधिक मिलेंगे आपको , संसार में गेरूआ वस्त्र धारण करके , टीका लगाके बहुत से ठग, बाबा जी बन के घुम रहे हैं अनाप-सनाप बक रहे हैं शास्त्रों के नाम पर । इन सबसे बच के रहो । केवल वास्तविक महापुरूषों के पास हीं सही सामान मिलेगा ।
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