जगन्नाथ पुरी केमहाप्रसाद का रहस्य , अवश्य जाने इस रहस्य को :-
पुज्यनियां मां रासेश्वरी देवी जी से जाने जगन्नाथ पुरी के महाप्रसाद का रहस्य , अवश्य जाने इस रहस्य को :- कलियुग में भगवान के चार सर्वाधिक प्रिय स्थान हैं- रामेश्वरम्, बद्रीनाथ, पुरी और द्वारिका। ये रामेश्वरम् में स्नान करते हैं तो बद्रीनाथ में ध्यान । पुरी में भोजन करते हैं तो द्वारिका में विश्राम। पुरी में भगवान द्वारा भोजन ग्रहण किए जाने के कारण मंदिर के प्रसाद का विशेष माहात्म्य है इसलिए यह प्रसाद नहीं, महाप्रसाद कहलाता है। 'श्री श्री चैतन्य चरितामृत' के अनुसार एक बार अरुणोदय के समय प्राप्त श्री जगन्नाथ जी का प्रसाद लेकर महाप्रभु जी सार्वभौम भट्टाचार्य के घर पहुँचे और उन्हें प्रसाद दिया भट्टाचार्य महोदय प्रभु के कर-कमलों से प्रसाद पाकर प्रसन्नता से अभिभूत हो गए और बिना शौचादि से निवृत्त हुए ही बासी मुँह से प्रसाद पाने लगे जिसे देखकर प्रभु के आनंद की सीमा न रही। वे कहने लगे कि आज मुझे सार्वभौम ने खरीद लिया। इतने भारी शास्त्रज्ञ और शौचाचार को जानने वाले सार्वभौम महाशय का जब महाप्रसाद में इतना अधिक दृढ़ विश्वास हो गया, तो मैं समझता हूँ कि इनसे बढ़कर कोई दूसरा भक्त होगा ही नहीं!...