हमारे लिए आध्यात्मिक ज्ञान कितना आवश्यक है?

तत्त्व ज्ञान

प्रश्न १ : हमारे लिए कितना आध्यात्मिक ज्ञान आवश्यक

है?
उत्तर : अगर बाजार जाते हो और तुमको मिठाई खरीदना है। रास्ते में माँस की दुकान भी पड़े, जूता-चप्पल की भी पड़े, तुम हर एक दुकान पर नहीं जाते हो क्यों? दुकान खुली है? क्या इसमें सामान है? इन सबसे तुम्हें मतलब क्या है ! अपना मिठाई की दुकान में गए। मिठाई खरीदी। खाए। खाकर

बस चले आए।

Knowledge ईश्वर के मामले में limited रखनी है। बस! जितनी आवश्यकता है, उतनी knowledge। उसके आगे बात कुछ समझ में आ सकती है, कुछ नहीं भी आ सकती है, हमारे वर्तमान level पर। तो समझने की चेष्टा करेंगे और कोई बात समझ में न आई, तो एक confusion खोपड़ी में बैठ जाएगा। इसलिए उस क्षेत्र में जाना ही नहीं है, खतरनाक क्षेत्र है। बड़े-बड़े बह गए।

अपने लिए जो आवश्यक है, उतनी knowledge बस। बाकी बातें जो हैं- ज्यों-ज्यों हम ऊपर को उठेंगे, ईश्वरीय शक्ति हमको मिलेगी, अन्तःकरण शुद्ध होगा, त्यों-त्यों अपने आप सब समझ में आता जाएगा, बिना प्रश्न किए। बाकी ऊपर के class की बातें नीचे की class में अनुभव न होने के कारण ठीक-ठीक नहीं बैठ सकतीं। इसलिए उसके लिए प्रयत्न करना ही नहीं चाहिए। 

संसार में भी एक आदमी कोई खेल दिखाता है, नट है। दोनों हाथ छोड़कर cycle चलाता है इस पहाड़ी में। अब उसको balance बैठाने का अभ्यास हो गया, १५-२० साल अभ्यास किया है उसने। वह तुम नकल मत करो direct। :- श्री महाराज जी ।

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