आप सब थोड़ा अपना किमती समय निकाल कर इस पोस्ट को जरूर पढ़े , बिना पढ़े कृप्या अपना लाइक मत दें -----

आदरणीय श्री युगल शरण जी ( भारत सरकार के पुर्व वैज्ञानिक , इन्होंने भारत सरकार के काफी उच्च वैज्ञानिक पद् से इस्तिफा देकर श्री कृपालु महाप्रभु जी का प्रचारक बन गए सन् 1998 में )

आप सब थोड़ा अपना किमती समय निकाल कर इस पोस्ट को जरूर पढ़े , बिना पढ़े कृप्या अपना लाइक मत दें -----
आज के इस भोतिक युग में आध्यात्मिक उत्थान की बहुत आवस्यकता हैं । बिना आध्यात्मिक आधार के भौतिक विकास दीर्घकालिक व स्थाई कभी नही हो सकता । 
यहां तक की विना आध्यात्मिक विकास के भौतिक विकास रक्षक के जगह भक्षक हीं साबित होगा ।

 आप सब इतिहास पर नज़र डालिए , कितने कितने ताकतबर से ताकतबर , शीर्शस्थ सत्तासीन व्यक्ति अपने रक्षागार्ड के हांथों हीं प्राणों से हांथ धो बैठे , उनकी हत्या करने वाले कम पढ़े लिखे ,या कम बड़े भौतिक ज्ञानी तो नही थे ? न्युयार्क टुईन टाबर धाराशायी कर दिया गया । होटल ताज मुम्बई की घटना करने वाले क्या कम पढ़े लिखे थे ? हजारो निर्दोषों की हत्या ! 

बस एक हीं अन्तर था , ऐसे लोगों में सही सही आध्यात्मिक विकास नही हुआ । केवल भौतिक विकास हुआ जो घातक हो गया । अत: आज के परिदृष्य में हर व्यक्ति का भौतिक उत्थान से पहले आध्यात्मिक उत्थान की परम आवश्यकता हैं , नही तो महाविनाश सुनिश्चित है ,ऐसे ऐसे पावरफुल वम वना लिया हैं देशों ने । 

इकाई लेवल पर हमारे आज के बच्चे बहुत मेधावी हैं , यें बड़े बड़े डाक्टर , इंजीनियर , वकील , जज , सांइटिस्ट बन तो जाते हैं पर अपने कर्तव्य , विवेक , जीवन से कोसों दुर हो जातें हैं , धन तो बहुत और थोड़ा किसी भी तरह कमा ( नैतिक तथा अनैतिक तरह से ) लेतें हैं पर शांति शकुन से नही जी पातें , संसार में कार्यस्थल पर सही निर्णनय नही लेना , लोभ लालच में पर कर अनैतिक और पक्षपातपुर्ण डिसीजन करना , हमारे बच्चों के जीवन में जह़र घोल रही है । जिससे आत्म हत्या , डिप्रेशन , बल्ड प्रेशर , डाइविटिज के शिकार हो रहे हैं हमारे बच्चे ।

 इसलिए इनका आध्यात्मिक विकास भी उतना ही जरूरी है जितना की शुद्ध भोजन । सही सही आध्यात्मिक विकास वही करा सकता है जो खुद आध्यात्म का वास्तविक और व्यवहारिक ज्ञानी हों । नही तो केवल पढ़कर कथा करने वाले शिक्षकों से कितना आध्यात्मिक विकास हुआ है हम सबके सामने हैं , श्री राधे । 
:- 
आदरणीय श्री युगलशरण जी ।

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