कैसे भगवान का चिंतन मनन भजन किर्तन करने से तथा अच्छे कर्म ( इस जन्म के क्रियामाण कर्म ) करने से अनंत जन्मों के संचित कर्मो से इस जन्म में मिला हुआ खड़ाब प्रारब्ध कम हो जाते हैं । इस कहानी से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा आप सबको । 🙏❤️🙏

कैसे भगवान का चिंतन मनन भजन किर्तन करने से तथा अच्छे कर्म ( इस जन्म के क्रियामाण कर्म ) करने से अनंत जन्मों के संचित कर्मो से इस जन्म में मिला हुआ खड़ाब प्रारब्ध कम हो जाते हैं । इस कहानी से सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा आप सबको । 🙏❤️🙏 

यह कहानी एक किसान की है, बिहार में लखीसराय जिले में एक गांव था छोटा सा, उस गांव में एक ऐसा किसान रहता था जो हमेशा भगवान में मन लगाकर अपना कर्म करता था । अंग्रेज का जमाना था अट्ठारह सौ साठ ईसवी की बात है , तो उस गांव में एक किसान था, जो दिन रात मन ही मन राधा कृष्ण , राधा कृष्ण का जाप किया करता था और अपना काम करते रहते था ।

  वो सोते जागते उठते बैठते हर एक काम करते हुए भगवान का नाम लेता था , पत्नी घर संभालती थी और वो खुद बैल को लेकर के खेतों में हल जोतता था , फसल बो कर उससे जो भी कुछ उपजा होता था , उससे अपना जीविका चलाता था , उसके पास दो बैल ,एक गाय, एक भैंस था , एक दिन उसके पास एक अट्ठारह उन्नीस साल का एक युवक आया , युवा के चेहरे पर तेज था लेकिन गरीब लग रहा था भेष भूषा से , वो उस किसान के दरवाजे पर आकर , किसान से आग्रह किया कि मुझे नौकरी चाहिए और मैं आपके यहां काम करना चाहता हूं, किसान को बहुत आश्चर्य हुआ कि यह युवक नौकरी मांगने के लिए मेरे दरवाजे पर क्यों आया है जबकि मेरे पास तो बहुत मुश्किल से खुद के भरण पोषण करने के लिए थोड़ा बहुत भगवान के कृपा से मिल जाता है, 

यह सोचकर उसने उस युवक को बोला कि देखो मेरे यहां तो तुम्हें कुछ भी नहीं मिलेगा और मुझे नौकर की जरूरत तो है भी नहीं , तुम ऐसा क्यों नहीं करते इसी गांव में मेरा भाई है वो अंग्रेजों का सेवादार है, हवलदार है , तुम उसके पास जाकर क नौकरी मांग लो, उसको नौकर चाकर की बहुत जरूरत पड़ती है, वह तुम्हें अच्छा पैसा भी देगा । पर उस युवक ने कहा कि नहीं मैं तो आपही के यहां काम करना चाहता हूं , मुझे पैसे वैसे कुछ भी नहीं चाहिए, जो भी रूखी सूखी आप दे देंगे वो मैं खा लिया करूंगा, लेकिन मैं आपके जानवरों का, गाय बैल भैंस का सेवा करूंगा आपका काम कर दिया करूंगा , इस प्रकार वो युवक उस किसान से बहुत मिन्नत करने लगा तो किसान की पत्नी ने कहा कि जब ये वेचारा हट कर ही रहा है तो आप इसे रख लीजिए, इसके भावना को ठुकराने से क्या फायदा , आपकी सहायता कर दिया करेगा , जिससे फसल और अधिक उपजा होगा और क्या पता इसके भाग्य से और भी अच्छा कमाई होगा , फसल अच्छा होगा जिसमें इसका भी भरण-पोषण हो जाएगा और हम लोगों का भी शायद हो जाए तो, किसान ने उसकी बात मान ली और उसे अपने पास रख लिया । 
फिर समय गुजरता गया, उस युवक ने किसान की सेवा करने लगा।

 एक दिन किसान अपने खेत से वापस घर लौट रहा था तो उसके पैर में एक कील चुभ गया, वो कील लोहे का था उसे इतना दर्द हुआ कि इस दर्द से वह बिलबिलाने लगा ।

 उस युवक ने उसको घर पर चटाई पर लिटा कर और गर्म सरसों का तेल उसके जख्म पर लगा कर उस किसान का सेवा करने लगा , उसकी सेवा से उसके जख्मों का दर्द जो है वह धीरे-धीरे कम होता चला जा रहा था । लेकिन किसान के आंखों में आंसू थे । तो उस युवक ने पूछा इतना रो क्यों रहे हैं आप , जख्म तो कम हो गय है आपके । तो किसान ने कहा कि देखो मैं दिन-रात मेहनत करता हूं और अपने इष्ट पर पूरा भरोसा करता हूं यह कैसी विडम्बना है कि आज ही के दिन मेरे भाई जो अंग्रेजों का सेवादार है उसको तरक्की मिला उसको रायबहादुर का खिताब मिला, वो आज बारह गांव का सरपंच बन गया और आज ही के दिन मेरे पांव में लोहे का किल घुस गया । जो मुझे बहुत दर्द दे रहा है । मैं बहुत पतित हुं ।

 तो उस युवक ने देखा कि किसान का मन व्यथित है, उसका विश्वास न डगमगा जाए , इसलिए उसकी व्यथा को शांत करने के लिए युवक ने कहा कि मैं किसी का भूत और भविष्य सब जानता हुं , यह मेरा जन्मजात गुण है , मैं स्पष्ट देख रहा हुं कि पिछले जन्म में वो बहुत पुण्य किया है , वो धर्म पर चलता था , जिसके कारण आज प्रारब्ध के रूप में उसको यह मौका मिला, इसलिए उसको आज आज 12 गांव का सरपंच बनने का मौका मिला । 

फिर किसान ने पूछा कि मैं पिछले जन्म में क्या किया था कि मेरे पांव में कील आज के दिन ही घुस गया ? फिर उस युवक ने कहा कि देखिए यह बहुत रहस्य की बात है इसका भी कारण प्रारब्ध ही है ।
किसान ने युवक से आग्रह करने लगा कि मुझे भी तो बतलाओ तो , युवक ने कहा कि रहने दीजिए इसको जानने की कोशिश मत कीजिए दुख होगा आपको , आप अपना ध्यान भगवान पर रखिए और कर्म करते रहिए । 

अब किसान को शक हो गया की एक तो यह युवक मेरे यहां आकर के नौकरी कर रहा है जिसका कोई कारण प्रतीत नहीं होता है दूसरा यह इतनी अच्छी अच्छी बातें करता है मुझे भगवत प्रेम के तरफ प्रेरित करता है जरूर यह रहस्य की बातें हैं । इसलिए किसान ने जिद पकड़ ली और युवक को बाध्य कर दिया कि तुम मुझे बताओ कि पिछले जन्म में मेरे साथ क्या हुआ मैंने क्या किया था जिसकी सजा मुझे आज मिली है ।

तो युवक ने कहा कि आप पिछले जन्म में एक कसाई थे आप पशुओं का बलि देते थे और साथ में भगवान का भजन भी थोड़ा कर लेते थे , आपका जो भाई था जो सरपंच बना है वह सीधा सरल सरस व्यक्ति था पिछले जन्म में , उसने पिछले जन्म में आपको जानवरों की बलि देने से रोका और आपको सही मार्ग पर ला दिया किंतु अनेकों जानवरों की बलि देने के कारण आपका प्रारब्ध बहुत खराब हो गया था। अंत:करण गंदा था आपका और वो आपका भाई सीधा-साधा सरल स्वभाव का व्यक्ति था उसने पाप नहीं किया था पिछले जन्म में इसलिए पिछले जन्म के कारण उसके अच्छे प्रारब्ध बने इस जन्म में लेकिन आपके बुरे प्रारब्ध बने इस जन्म में अत: इस कारण आप इतने निर्धनता को प्राप्त हुए, लेकिन इस जन्म में आप ने लगातार भगवान का मनन चिंतन किया जिस कारण आप का पूर्व जन्म का मिला हुआ खड़ाब प्रारब्ध धीरे धीरे धीरे धीरे कम होता गया , जिसका फल आज हीं दोनों को मिलना था ।

 आज के दिन तो आपको तलवार से सर कटने का फल मिलना था, लेकिन आपके इस जन्म के भक्ति तथा बढ़िया कर्मयोग के कारण वो आपका खड़ाब प्रारब्ध इतना कम हो गया कि आपको सिर्फ लोहे की कील से जख्म मिला हैं और आपका भाई तेजू पिछले जन्म में सीधा साधारण व्यक्ति था भगवान में आस्था विश्वास रखता था , भजन करता था । किंतु इस जन्म में उसने बहुत अच्छे कर्म नहीं किए आज तक , पिछले जन्म के अच्छे कर्म के कारण आज के दिन तो वह राजा बनने वाला था । लेकिन इस जन्म के कर्म ने उसके खराब प्रारब्ध को इतना बढ़ा दिया कि वह मात्र बारह गांव का सरपंच बन के रह गया यही रहस्य की बात है, आपका खड़ाब प्रारब्ध समाप्त हूआ अब आपका कल्याण ही कल्याण है , इतना बोल कर वह युवक अलक्षित हो गया । किसान समझ गया था कि यह युवक स्वयं भगवान थे और कोई नहीं जो उसकी सेवा में आए थे । यह जानकर वो फुट फुट कर रोने लगा ।
तो यह कहानी मेरे दादा जी मुझे सुनाते थे बचपन में । जो मैने आपको सुनाया है यहां । आपका संजीव 🙏

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