राधा रानी की उपासना बड़ा आसान है , केवल मन से हमेशा उनको याद करिये |
राधा रानी की उपासना बड़ा आसान है , केवल मन से हमेशा उनको याद करिये | हम शरीर नही आत्मा हैं और हम सभी आत्मा की शाश्वत मां राधा रानी हीं हैं |
ब्रह्मा , विष्णु , महेश , गणेश जी , हनुमान जी , मां जगदम्बा भी उन्ही को भजते हैं | क्योकि ये लोग ही भगवान श्री कृष्ण के डाईरेक्ट अंश हैं इसलिये ये भी भगवान ही कहलाते है | अब आप पुछियेगा की राम कृष्ण बहुत जगह शास्त्र में लिखा है कि पुजा करते हैं शंकर , या मां जगदम्बा आदि की तो इसलिय की वेद में ही लिखा है और यह भगवान श्री कृष्ण ने खुद कहा है कि अहं भक्त पराधिन: , इसका मतलब की हम अपने भक्तों के अधिन हैं , हम भक्त के बस में हैं हम अपने भक्तों को भजतें है और भक्त मुझे |
भगवान ने देवी देवता तथा ग्रहो की पुजा बंद करा दि थी | देखिये गीता भागवत् कैसे उन्होने ईन्द्र की पुजा बंद करा दी , परन्तु पण्डितों ने लोगों को गुमराह कर अपने फायदे के लिये पुजा करवाते हैं जिसका कोइ फल नही हैं | तमाम ग्रह डरते हैं और भजते है एक मात्र राधाकृष्ण को| और जब वो देखेंगें की आप भी उनके इष्ट को भजते है तो खुश होंगें | आपका कुछ नही विगारेंगें |
छोडिये करमकाण्ड - सत्यनारायन का पुजा गलत कराते है पण्डित लोग | पुजा में सब का आवाहन करके बुलाते हैं | फिर अंत मे कहते है कि लक्ष्मी जी और गणेश को छोड़ कर सब अपने स्थान पर वापस लौट जाएं |
अब आप ही सोंचिये कोई आपको सपरिवार घर पर बुलाय और अंत मे आपसे कहे की आप अपनी पत्नी और वेटे को यहीं मेरे घर में रहने दिजिये और आप अपने घर चले जाइये तो कैसा लगेगा आपको , आपकी पत्नी को और आपके वेटे को .
इसलिये समझिये सारा पुजा पाठ विकृत हो गया है | पण्डित को खुद नही मालुम और बड़े बड़े आचार्य कहलाते हैं | सब ढोंग हैं |
राधा रानी की भक्ति बहुत आसान है , कोइ नियम कानुन डर नही , निषेध नही | पखाने में भी नाम लिजिये काम बन जाएगा |
राधे राधे श्री राधे
Comments
Post a Comment