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ब्रह्मा ने सृष्टि के विकास के लिए दस मानस पुत्र उत्पन्न किए। इन्हें प्रजापति कहा गया।

श्री महाराज जी :- ब्रह्मा ने सृष्टि के विकास के लिए दस मानस पुत्र उत्पन्न किए। इन्हें प्रजापति कहा गया। उनमें प्रथम है-मरीच। महर्षि कश्यप प्रजापति मरीच के पुत्र हैं ।   महर्षि कश्यप समस्त जगत के पिता स्वरूप हैं। सारे प्रणियों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। इसलिए सभी जीव भाई-भाई हैं । महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियाँ थीं। दक्ष प्रजापति ने अपनी तेरह कन्याओं का विवाह महर्षि कश्यप के साथ किया। इन तेरह कन्याओं के नाम इस प्रकार है-अदिति, दिति दनु, काला, दनायु, सिंहिका, क्रोधा, प्राधा, इरा, विनिता, कपिला, मनु एवं कद्रु । इन तेरह पत्नियों से महर्षि की इतनी संतानें हुई कि उस समय रिक्त पड़ी यह पृथ्वी मानव, दानव, देव तथा नाना प्रकार के पशु-पक्षियों कीट पतंगों , वृक्षों एवं लता पताओं घास-फुस फुल आदि से भर गई। महर्षि कश्यप की प्रिय पत्नी अदिति से इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु, सूर्य आदि सभी देवता उत्पन्न हुए।  और दिति के दो पुत्र हिरण्याक्ष एवं हिरणकश्यप तथा एक पुत्री सिंहिका हुई। इन दोनों महान दैत्यों का वध करने हेतु भगवान ने दो बार अवतार लिया। दैत्य हिरण्याक्ष का वध करने के लिये वराह अवत...